sahas kaise badhaye kaise bane sahas se yukt vyakti

साहस कैसे बढ़ाएं कैसे बनें साहस से युक्त व्यक्ति 

साहस से युक्त व्यक्ति को साहसी कहते हैं और साहसी व्यक्ति के लिए आसान हो जाता है कोई भी निर्णय लेना| हमें रोज निर्णय लेने के लिए साहस की आवश्यकता होती है| साहस के बिना हमें नए लोगों से बात करने में झिझक होती है हम अपने करियर के फैसले लेने से भी डरते हैं यहाँ तक की हम अपने विचारों को भी सही तरीके से प्रगट नहीं कर पाते हैं| आज मैं इस लेख में आपसे बात करूँगा की साहस कैसे बढ़ाएं?  


साहस कैसे बढ़ाएं


    हमको अपने जीवन को जीने के लिए साहस की अत्यंत आवश्यकता होती है| बिना साहस के हम अपने जीवन में विकास नहीं कर पाते हैं, जबकि हम चाहते हैं की हम एक सम्मान पूर्वक जीवन जियें और जब साहस के कमी के कारण हमको मनवांछित परिणाम नहीं मिलते हैं तो हम को तनाव घेर लेता है हमारी स्तिथी और खराब हो जाती है| हम अपने जीवन को उतना ही जी पाते हैं जितना हमारे अन्दर साहस होता है| 


हम समझ नहीं पाते हैं की हमारी समस्या क्या है? और हमको तनाव में रहने की आदत पड़ जाती है| लगातार तनाव के कारण हमारा स्वास्थ्य भी खराब रहता है| हमारे स्वस्थ सम्मानित जीवन की बुनियाद है साहस| यदि हमारे अन्दर साहस की भावना जाग गयी तो हमारे जीवन का नियन्त्रण हमारे हाथ में आ जाता है और हम प्रतिदिन अपने जीवन का आनन्द लेते हैं| जीवन की हर चुनौती एक अवसर बन जाती है|    


आज मैं आपको कुछ टिप्स बता रहा हूँ जो आपके साहस को बढ़ाने में हेल्प करेंगे|


लिस्ट बनायें 

सबसे पहले उन कार्यों की लिस्ट बना लें जिन कार्यों को करने से आपको डर लगता है| फिर उन सभी कार्यों के आगे लिखें यदि आप कार्यों में असफल हुए तो ज्यादा से ज्यादा क्या नुकसान होगा और यदि वो कार्य हो गया तो फायदा क्या होगा|

इन सभी कार्यों को धीरे धीरे करने का अभ्यास करें| मान लीजिये आप साइकिल चलाना सीखना चाहते हैं और आपको डर लग रहा है आप अपने आप से पूछियें आपको डर क्यों लग रहा है शायद आपको साईकल चलाते समय गिरने से डर लग रहा है| यदि आपको गिरने से डर लग रहा है तो आप अपने किसी दोस्त की हेल्प लें और उससे कहें की जब आप साइकिल चलायें वो आपके साथ साथ चले और आपको गिरने से रोकें,और साइकिल चलाना सीखना शुरू कर दीजिये आप देखेंगे की कुछ ही दिनों में आप बहुत अच्छी साइकिल चला लेंगे| ये कदम आपके आत्मविश्वास को बढ़ा देगा| 


इस घटना क्रम को एक डायरी में लिख लीजिये जब भी आपको भविष्य में डर लगे इस डायरी को पढ़िये की कैसे आपने अपने डर पर काबू प्राप्त किया| अपने डर को दूर करने के लिए आपको निरन्तर प्रयास करने होंगे| प्रत्येक सप्ताह आप अपने आपको चुनौती दें कुछ ऐसा करने की जिसको करने में आपको डर लगे और जिसमें थोड़ा जोखिम हो| यदि आपको अनजान लोगों से बात करने में डर लगता है तो शरुआत कीजिये नमस्कार करने से आप प्रण कर लीजिये की जिस व्यक्ति से बात करने में आपको डर लगे उससे नमस्कार अवश्य करें जब आप नमस्कार करेंगे तो आपको सामने वाले की तरफ से सकारात्मक जवाब मिलेगा और वो आपसे पूछ सकते हैं की आप कौन हैं आप अपना परिचय गर्म जोशी के साथ संक्षिप्त में दें और अपना उनसे मिलने का प्रयोजन बताएं हो सकता है की वो मना कर दें कोई बात नहीं आप उनको धन्यवाद कहें और आगे बढ़ें| 


हमेशा याद रखिये सफल लोग सफल होने का रोज अभ्यास करते हैं| आपको भी अभ्यास करना होगा साहसी होने का| जब आप छोटे छोटे कार्यों में हिम्मत से काम लेंगे तो आपको निर्णय लेने की आदत पड़ जायेगी, और धीरे धीरे आप बड़े बड़े कार्य भी आसानी से करने लग जायेंगे| 


जब आपको किसी कार्य को शुरू करने से पहले भय का अनुभव हो तो आप इस स्तिथी में सबसे पहले गहरी सांस लें| ऐसा करने से आपका शरीर को अतिरिक्त उर्जा मिलेगी मन शांत हो जायेगा और आप उस कार्य को आत्मविश्वास के साथ शुरू कर पाएंगे| बहुत सारे लोगों को मंच पर बोलने में डर लगता है मंच पर जाकर वो भूल जाते हैं की उनको बोलना क्या है हाथ पैर ढीले पड़ जाते हैं कानों में से गर्म हवा निकलने लगती है यदि आपके साथ भी ऐसा है तो आप आईने के सामने बोलने का अभ्यास करें फिर अपने मित्रों के सामने बोलने का अभ्यास करें| 


दरअसल आईने के सामने बोलने से आप खुद को बोलता हुआ देख पाएंगे और आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा| आप अपनी वास्तविकता से जुड़ पाएंगे| जब भी डर लगे खुद से पूछे आप ये कार्य क्यों करना चाहते हैं? जब आपकी इच्छा मजबूत होती है तो आपको आगे बढ़ने के लिए भीतर से प्रोत्साहन मिलता है और उस चीज को करने की शक्ती मिलती है जो आपके लिए वास्तव में मायने रखती है| एक बात आपको मैं बताना चाहता हूँ डर सबको लगता है लेकिन जो लोग डर पर विजय प्राप्त कर लेते हैं वो सफल व्यक्ति कहलाते हैं और जो लोग डर से हार जाते हैं उनको ना सम्मान प्राप्त होता है और ना ही वो धन कमा पाते हैं जो उनको पैतृक संपत्ति मिली होती है उसको भी वो गवां देते हैं| सफल जीवन के पहला आवश्यक कदम आप साहसी बनें|  


    साहस की आवश्यकता हमको कदम कदम पर पड़ती है साहस की आवश्यकता सिर्फ युद्ध करते समय नहीं होती| साहस नहीं होने की स्तिथी में व्यक्ति असमंजस में अवसर को गवां देता है| आपके जीवन में घटनाएँ रोज घटती हैं आप उन घटनाओं पर उतना ही निर्णय लेते हैं जितना आपके पास साहस है| गांधी जी को अंग्रेजों ने रेल के फर्स्ट क्लास के डिब्बे से टिकट होने के बावजूद उतार दिया उनको यात्रा नहीं करने दी क्योंकि उन दिनों हिन्दुस्तानियों को रेल के फर्स्ट क्लास के डिब्बे में यात्रा करने की अनुमति नहीं थी| उस दिन उस दुबले पतले इंसान (गांधी जी) ने निर्णय लिया इस स्तिथी को बदलने का और हम सब जानते हैं गांधी जी ने अंग्रेजों की चूलें हिला दीं|


क्या गांधी जी ने अपने परिवार से पूंछा क्या अपनी पत्नी से पूंछा जहाँ तक मैं जानता हूँ ये उनका अपना निर्णय था| आपकी किस्मत साथ तब देगी जब निर्णय आपके होंगे यदि निर्णय किसी दूसरे के होंगे तो किस्मत भी किसी दूसरे साथ देगी| निर्णय आप तभी ले पायेंगे जब आपके पास साहस होगा| आज से ही साहस का अभ्यास करें| निर्णय लें अपनी किस्मत को चमकाने का|

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