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sahas kaise badhaye kaise bane sahas se yukt vyakti

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साहस कैसे बढ़ाएं कैसे बनें साहस से युक्त व्यक्ति  साहस से युक्त व्यक्ति को साहसी कहते हैं और साहसी व्यक्ति के लिए आसान हो जाता है कोई भी निर्णय लेना| हमें रोज निर्णय लेने के लिए साहस की आवश्यकता होती है| साहस के बिना हमें नए लोगों से बात करने में झिझक होती है हम अपने करियर के फैसले लेने से भी डरते हैं यहाँ तक की हम अपने विचारों को भी सही तरीके से प्रगट नहीं कर पाते हैं| आज मैं इस लेख में आपसे बात करूँगा की साहस कैसे बढ़ाएं ?        हमको अपने जीवन को जीने के लिए साहस की अत्यंत आवश्यकता होती है| बिना साहस के हम अपने जीवन में विकास नहीं कर पाते हैं, जबकि हम चाहते हैं की हम एक सम्मान पूर्वक जीवन जियें और जब साहस के कमी के कारण हमको मनवांछित परिणाम नहीं मिलते हैं तो हम को तनाव घेर लेता है हमारी स्तिथी और खराब हो जाती है| हम अपने जीवन को उतना ही जी पाते हैं जितना हमारे अन्दर साहस होता है|  हम समझ नहीं पाते हैं की हमारी समस्या क्या है? और हमको तनाव में रहने की आदत पड़ जाती है| लगातार तनाव के कारण हमारा स्वास्थ्य भी खराब रहता है| हमारे स्वस्थ सम्मानित जीवन...

सामान्य ज्ञान - ब्लड ग्रुप की खोज किसने और कब की

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ब्लड ग्रुप की खोज किसने और कब की आज मैं आपको बताऊंगा उस आदमी की कहानी जिसने हमारा परिचय ब्लड ग्रुप से करवाया ब्लड ग्रुप एक अंग्रेजी शब्द है इसको हिंदी में रक्त समूह कहते हैं| आपने देखा होगा की डॉक्टर जब भी रक्त की जांच करते हैं तो एक ब्लड ग्रुप बताते हैं जैसे की ब्लड ग्रुप A, ब्लड ग्रुप B   आमतौर पर पहले ये माना जाता था की अच्छे आदमी में अच्छा खून होता है और गंदे आदमी में गन्दा खून होता है ये एक आम धारणा थी इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था यही बात  कार्ल लैंडस्टीनर( Karl Landsteiner ) को परेशान करती थी कार्ल लैंडस्टीनर( Karl Landsteiner ) दिन रात चिंतन करते अध्ययन करते |  कार्ल लैंडस्टैनर (Karl Landsteiner ; 14 जून, 1868 – 26 जून, 1943), आस्ट्रिया के एक जीववैज्ञानिक तथा चिकित्सक थे। कार्ल लैंडस्टीनर( Karl Landsteiner ) जानते थे की रक्त में कुछ है लेकिन बहुत गौर से देखने पर भी रक्त की लालिमा के कुछ नहीं दिख रहा था कार्ल लैंडस्टीनर( Karl Landsteiner ) को | सेकड़ों नमूनों की जाँच की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी | बत्तीस वर्ष की आयू तक हज़ारों पोस्टमार्टम कर चुके थे हर जगह एक ही प...

Shikshaprad Kahani - Sone Ki Kulhadi Story In Hindi

सोने की कुल्हाड़ी  आज मैं आपको एक लकड़हारे की कहानी सुनाता हूँ ये कहानी मेरी नानी ने मुझको बचपन में सुनाई थी| इस कहानी से आपको सीखने को मिलेगा की लालच क्यों नहीं करना चाहिये| लकड़हारा कहते हैं लकड़ी काटकर जो लोग बेचा करते हैं उनको| कहानी है राजू लकड़हारे की | राजू बहुत गरीब था , बहुत मेहनती और सीधा सच्चा आदमी था | राजू दिन भर जंगल में सूखी लकड़ी काटता और शाम होने पर लकड़ी का गठ्ठर बांधकर बाजार ले जाता लकड़ियों के बेचने पर जो पैसे मिलते उनसे वो अपने परिवार की जरूरतें पूरी करता, राजू को अपने काम से संतोष था | राजू का जीवन मजे से चल रहा था | एक दिन राजू लकड़ी काटने जंगल में गया, जंगल में नदी किनारे सूखी लकड़ी काटने के उद्देश्य से एक पेड़ पर चढ़ गया| डाल काटते समय उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गयी| राजू पेड़ से उतरकर आया और नदी में कुल्हाड़ी लाने के उद्देश्य से कूद गया| उसने नदी में कुल्हाड़ी को काफी खोजा लेकिन कुल्हाड़ी नहीं मिली|  राजू दुःखी मन से नदी के किनारे बैठ गया, और सोचने लगा की उसका जीवन बिना कुल्हाड़ी के कैसे चलेगा, उसकी आँखों से आंसू बहने लगे उसके पास दूसरी कुल्हाड़ी खरीदने के पैसे नहीं थे...

shikshaprad kahani - prabandhak ki niyukti

प्रबन्धक की नियुक्ती सेठ रतन लाल जी ने एक भव्य मंदिर का निर्माण समाज सेवा के उद्देश्य से करवाया| मंदिर में उन्होंने एक निःशुल्क औषधालय निर्माण करवाया| सेठ रतन लाल जी की ईश्वर में गहरी आस्था थी और वो समाज की भलाई के लिए कुछ ना कुछ प्रयत्न करते रहते थे| उनको सामाजिक कार्यों को करके बड़ा ही आनन्द प्राप्त होता था| उन्होंने मंदिर में दीन दुःखियों और साधू संतो के लिए निःशुल्क औषधालय का निर्माण तो करवा ही दिया था, उनके मन में एक धर्मशाला के निर्माण का विचार और आ गया सो उन्होंने एक धर्मशाला का निर्माण और करवा दिया| अब उनको एक प्रबन्धक की आवश्यकता महसूस हुई जो मंदिर, धर्मशाला और निःशुल्क औषधालय का संचालन कर सके रखरखाव कर सके|     प्रबन्धक पद के लिए उनके पास बहुत लोग आये| वे सभी लोग जानते थे की यदि प्रबन्धक का पद उनको मिल गया तो सेठ जी से वेतन मोटा मिलेगा| सेठ जी सभी लोगों से उनकी योग्यता अनुभव के बारे में बात करते लेकिन उनको सन्तुष्टि नहीं होती और वो सभी लोगों को लौटा देते|  सेठ जी के मन में क्या चल रहा है कोई नहीं जानता लेकिन ये सभी जानते थे की सेठ जी को जमीनी स्तर का अन...